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Guru Pushya 2014:गुरु पुष्य: जानिए लक्ष्मी पूजन की विधि, शुभ मुहूर्त व उपाय

guru pushya 2014
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Guru Pushya 2014

worship meathod of goddess lakshmi

Constellation Pushya Krishna movement in favor of the Kartik month is considered very auspicious. Purchased the day of Pushya Nakshatra is particularly important because it is recognized that such purchases will remain useful for a long time and anything that is auspicious. The day of worship of the Goddess Lakshmi to dwell in the house of wealth is permanent. This time October 16, Thursday auspicious Pushya yoga guru has become. Thus the worship of Goddess Lakshmi on this day .
Clothes for the worship of the sacred seat of a post or install the idol of Goddess Mahalakshmi. Puja day to clean the house, take a sacred place of worship and self-devotedly pious reverence and to worship Mahalaxmi. Srimahalkshmiji Kesryukt in a clean vessel near the Statue of sandalwood lotus Ashtdl rupees by creating jewelry or both Rkenn and worship together. First, sprinkle water on the east or north-facing and self-worship by reading the contents of the following mantra Water Chidken-
ऊँ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा।
य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तर: शुचि:।।

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में पुष्य नक्षत्र का आना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन खरीदी का विशेष महत्व है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि पुष्य नक्षत्र में खरीदी गई कोई भी वस्तु लंबे समय तक उपयोगी बनी रहती है तथा शुभ फल देती है। इस दिन यदि माता लक्ष्मी की पूजा की जाए तो घर में स्थाई रूप से धन-संपत्ति का वास रहता है। इस बार 16 अक्टूबर, गुरुवार को गुरु पुष्य का शुभ योग बन रहा है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा इस प्रकार करें-

जानिए लक्ष्मी पूजन की विधि

पूजन के लिए किसी चौकी अथवा कपड़े के पवित्र आसन पर माता महालक्ष्मी की मूर्ति को स्थापित करें। पूजन के दिन घर को स्वच्छ कर पूजा-स्थान को भी पवित्र कर लें एवं स्वयं भी पवित्र होकर श्रद्धा-भक्तिपूर्वक महालक्ष्मी का पूजन करें। श्रीमहालक्ष्मीजी की मूर्ति के पास ही एक साफ बर्तन में केसरयुक्त चंदन से अष्टदल कमल बनाकर उस पर गहने या रुपए भी रखेंं तथा एक साथ ही दोनों की पूजा करें। सर्वप्रथम पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके स्वयं पर जल छिड़के तथा पूजा-सामग्री पर निम्न मंत्र पढ़कर जल छिड़कें-
ऊँ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा।
य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तर: शुचि:।।
उसके बाद जल-अक्षत (चावल) लेकर पूजन का संकल्प करें-
संकल्प- आज कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, गुरुवार है। मैं जो कि अमुक गोत्र (अपना गोत्र बोलें) से हूं। मेरा अमुक नाम (अपना नाम बोलें) है। मैं श्रुति, स्मृति और पुराणों के अनुसार फल प्राप्त करने के लिए और अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए मन, कर्म व वचन से पाप मुक्त होकर व शुद्ध होकर स्थिर लक्ष्मी प्राप्त करने के लिए महालक्ष्मी की पूजा करने का संकल्प लेता हूं।
-ऐसा कहकर संकल्प का जल छोड़ दें।
अब बाएं हाथ में चावल लेकर निम्नलिखित मंत्रों को पढ़ते हुए दाहिने हाथ से उन चावलों को लक्ष्मी प्रतिमा पर छोड़ते जाएं-
ऊँ मनो जूतिर्जुषतामाज्यस्य बृहस्पतिर्यज्ञमिमं तनोत्वरिष्टं यज्ञ समिमं दधातु। विश्वे देवास इह मादयन्तामोम्प्रतिष्ठ।।
ऊँ अस्यै प्राणा: प्रतिष्ठन्तु अस्यै प्राणा: क्षरन्तु च।
अस्यै देवत्वमर्चायै मामहेति च कश्चन।।

अब इन मंत्रों द्वारा भगवती महालक्ष्मी का षोडशोपचार पूजन करें।
ऊँ महालक्ष्म्यै नम:- इस नाम मंत्र से भी उपचारों द्वारा पूजा की जा सकती है।
प्रार्थना- विधिपूर्वक श्रीमहालक्ष्मी का पूजन करने के बाद हाथ जोड़कर प्रार्थना करें-
सुरासुरेंद्रादिकिरीटमौक्तिकै-
र्युक्तं सदा यक्तव पादपकंजम्।
परावरं पातु वरं सुमंगल
नमामि भक्त्याखिलकामसिद्धये।।
भवानि त्वं महालक्ष्मी: सर्वकामप्रदायिनी।।
सुपूजिता प्रसन्ना स्यान्महालक्ष्मि नमोस्तु ते।।
नमस्ते सर्वदेवानां वरदासि हरिप्रिये।
या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां सा मे भूयात् त्वदर्चनात्।।
ऊँ महालक्ष्म्यै नम:, प्रार्थनापूर्वकं समस्कारान् समर्पयामि।
प्रार्थना करते हुए नमस्कार करें।

समर्पण- पूजन के अंत में कृतोनानेन पूजनेन भगवती महालक्ष्मीदेवी प्रीयताम्, न मम।
- यह वाक्य उच्चारण कर समस्त पूजन कर्म भगवती महालक्ष्मी को समर्पित करें तथा जल छोड़ दें व माता लक्ष्मी से घर में निवास करने की प्रार्थना करें।

पुष्य नक्षत्र में लक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त

सुबह 10:50 से दोपहर 12:25 तक
दोपहर 12:25 से दोपहर 01:50 तक
दोपहर 01:50 से दोपहर 03:20 तक
शाम 04:40 से शाम 06:10 तक
शाम 06:10 से शाम 07:40 तक
रात 07:40 से रात 09:20 तक
दोपहर 12:03 से दोपहर 12:50 तक - अभिजीत मुहूर्त

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