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Importance of Sharad Purnima

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sharad purnima
Kojagr full moon today,this method will be happy Godess Lakshmi

Sharad Purnima

Today (October 7, Tuesday) Sharad Purnima, the full moon religion Kojagr it is also stated in the scriptures.पुराणों के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात को भगवती महालक्ष्मी रात्रि में यह देखने के लिए घूमती हैं कि कौन जाग रहा है और जो जाग रहा है महालक्ष्मी उसका कल्याण करती हैं तथा जो सो रहा होता है वहां महालक्ष्मी नहीं ठहरती। The Jagrthy of Lakshmi (who is awake?) Say the name of the fast Kojagr had lent. Fasting on this day to worship Goddess Lakshmi legislation. According to staff mentioned in religious texts

Mantra of godess laxmi

निशीथे वरदा लक्ष्मी: को जागर्तिति भाषिणी। जगाति भ्रमते तस्यां लोकचेष्टावलोकिनी।। तस्मै वित्तं प्रयच्छामि यो जागर्ति महीतले।।

Story behind Sharad Purnima

Indra the elephant sat on this fast and should keep fasting and worship of Mahalaxmi. Night time light a lamp and the smell of melted butter, floral etc. render all possible a hundred or more lamps ignited Dev venerable temples, gardens, basil or buildings must take down. Brahmins worship Indra bath at dawn and sweet butter-sugar mixed alms of food, textiles and gold lamps off and all wishes are fulfilled.
Srisukt this day, Lakshmi hymnal Kmlgtta making by text Brahmin, Bell should have a gift or metric by Pancmewa or pudding. Fasting Kojagr this method are very happy Mother Lakshmi and money-grains, etc. All amenities provide value-reputation.
इस व्रत में हाथी पर बैठे इंद्र और महालक्ष्मी का पूजन करके उपवास रखना चाहिए। रात के समय घी का दिया जलाकर और गंध, पुष्प आदि से पूजित एक सौ या यथाशक्ति अधिक दीपकों को प्रज्वलित कर देव मंदिरों, बाग-बगीचों, तुलसी के नीचे या भवनों में रखना चाहिए। सुबह होने पर स्नानादि करके इंद्र का पूजन कर ब्राह्मणों को घी-शक्कर मिश्रित खीर का भोजन कराकर वस्त्रादि की दक्षिणा और सोने के दीपक देने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन श्रीसूक्त, लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ ब्राह्मण द्वारा कराकर कमलगट्टा, बेल या पंचमेवा अथवा खीर द्वारा दशांश हवन करवाना चाहिए। इस विधि से कोजागर व्रत करने से माता लक्ष्मी अति प्रसन्न होती हैं तथा धन-धान्य, मान-प्रतिष्ठा आदि सभी सुख प्रदान करती हैं।
Magadha country, a gentle fold at any time, but there was a poor Brahmin. The gentleman and his wife were just as wicked Brahmin. He rose from the poverty of Brahmins used to taunt her. Even though the whole village used to condemn her husband. Unlike the conduct of the husband she had made their religion. Even in want of money to steal the day her husband was provoked. At a memorial service held in veneration by the wife of Brahmin took the bodies thrown into the well. From this act of wife sad Brahmin and went into the woods, where he found the snake girls. That was the full moon day of Ashwin month. Nagknyaon night awakening to the Brahmin asked to vow Kojagr ravishing Lakshmi. Kojagr Brahmin ritual fast delivery. Atul near this fast wealth effect was Brahmin. By the grace of Goddess Lakshmi was serene wisdom of his wife and the couple lived happily.
किसी समय मगध देश में वलित नामक एक संस्कारी, लेकिन दरिद्र ब्राह्मण रहता था। ब्राह्मण जितना सज्जन था उसकी पत्नी उतनी ही दुष्ट थी। वह ब्राह्मण की दरिद्रता को लेकर रोज उसे ताने देती थी। यहां तक की पूरे गांव में भी वह अपने पति की निंदा ही किया करती थी। पति के विपरीत आचरण करना ही उसने अपने धर्म बना लिया था। यहां तक कि धन की चाह में वह रोज अपने पति को चोरी करने के लिए उकसाया करती थी। एक बार श्राद्ध के समय ब्राह्मण की पत्नी ने पूजन में रखे सभी पिण्डों को उठाकर कुएं में फेंक दिया। पत्नी की इस हरकत से दु:खी होकर ब्राह्मण जंगल में चला गया, जहां उसे नाग कन्याएं मिलीं। उस दिन आश्विन मास की पूर्णिमा थी। नागकन्याओं ने ब्राह्मण को रात्रि जागरण कर लक्ष्मी को प्रसन्न करने वाला कोजागर व्रत करने को कहा। ब्राह्मण ने विधि-विधान पूर्वक कोजागर व्रत किया। इस व्रत के प्रभाव से ब्राह्मण के पास अतुल धन-सम्पत्ति हो गई। भगवती लक्ष्मी की कृपा से उसकी पत्नी की बुद्धि भी निर्मल हो गई और वे दंपत्ति सुखपूर्वक रहने लगे।

 
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